Friday, September 2, 2011

दिल्ली में लोकसेवा अधिकार

भारत की राजधानी दिल्ली में नागरिक अधिकारों के संदर्भ में एक बड़ा क़दम उठाया गया है. पंद्रह सितंबर से दिल्ली में यदि ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, जन्म-मत्यु के पंजीकरण जैसी सेवाओं में देर हुई तो अफ़सरों को जुर्माना भरना पड़ेगा.

दिल्ली विधानसभा ने मार्च में इस संदर्भ में ‘दिल्ली – (निर्धारित समय में सेवाएँ प्राप्त करने का) लोकसेवा अधिकार क़ानून’ को पारित किया था लेकिन अब इसकी अधिसूचना जारी हो गई है और 15 सितंबर से ये लागू हो जाएगा.

इस क़ानून के तहत निश्चित समयावधि में काम न पूरा होने पर संबंधित अधिकारी को दस रुपए से 200 रुपए प्रतिदिन तक का जुर्माना हो सकता है. इस तरह से हर नागरिक का ये अधिकार मिल गया है कि वह निश्चित समय के भीतर विभिन्न जनसेवाएँ प्राप्त कर सके.
पाँच हज़ार रुपए तक का जुर्माना
कुछ प्रमुख प्रावधान:

राशन कार्ड बनाने के लिए सरकार को 45 दिन का समय दिया गया है.
जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के लिए सात दिन का समय दिया गया है.
ड्राइविंग लाइसेंस दोबारा जारी करने के लिए एक दिन दिया गया है.
लर्नर लाइसेंस उसी दिन जारी करने का प्रावधान किया गया है.
देर होने पर दस रुपए से लेकर 200 रुपए प्रतिदिन का जुर्माना.
एक अधिकारी को 5000 रुपए तक का जुर्माना हो सकता है.

ग़ौरतलब है कि हाल में अन्ना हज़ारे के भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ और लोकपाल के पक्ष में हुए आंदोलन में ‘सिटिज़न चार्टर’ में भी सरकार के विभिन्न विभागों से अनेक तरह की सेवाएँ पाने के लिए नागरिकों के अधिकारों का ज़िक्र है.

दिल्ली सरकार के जो विभाग इस क़ानून के दायरे में आएँगे, वे हैं – राजस्व, ख़ाद्य और आपूर्ति, परिवहन, वाणिज्य, कर और नागरिक सेवाएँ देने वाली संस्थाएँ दिल्ली नगर निगम और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद.

इस क़ानून के तहत समय से सेवा न उपलब्ध कराने या काम न करने के कारण किसी भी अधिकारी पर 5000 रुपए तक का जुर्माना लग सकता है.
राशन कार्ड बनाने के लिए सरकार को 45 दिन का समय दिया गया है.
जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के लिए सात दिन का समय दिया गया है.

ड्राइविंग लाइसेंस दोबारा जारी करने के लिए एक दिन और लर्नर लाइसेंस उसी दिन जारी करने का प्रावधान किया गया है.
Sabhar - http://bismilnews.com